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आर्थिक सुधार किसका ??????

Najariya.......
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गाँधी के इस देश में जहाँ गाँधी जी ने नारा दिया था स्वदेशी अपनाओ और चरखा चलाया सूत काता कपडा बनाया, उसी देश में आज उन्ही गाँधी वादी लोगो ने (कांग्रेस ) विदेशी किराना को भी मंजूरी दे दी | सिलिंडर जैसी मूलभूत जरूरत को महंगा कर दिया | अब सवाल ये है की यदि सब कुछ जनता को ही झेलना है तो फिर टैक्स क्यों लिया जाता है | कड़े कदम उठाने वाले प्रधान मंत्री जी ने एक भी कदम ऐसा उठाया जो जनता के लिए हो, जिस से जनता खुश हो | कड़े कदम उठाने ही थे तो उन अपराधियों को सजा देते जिन्होंने सरकार को और देश को आर्थिक नुकसान पहुचाया है | परन्तु सरकार सिर्फ कड़े कदम जनता के ही उपर चलाएगी और जनता जिन्होंने उन्हें चुन कर भेजा कि वो हमारे हितो कि रक्षा करेंगे वही जनता इन कड़े क़दमों से आहत है | आज हर आम आदमी को ये चिंता हो रही है कि वो अब करे तो क्या करे महंगाई मार रही जनता मर रही है और कोई उपाय सूझता भी नहीं ……………………………..

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