Menu
blogid : 5522 postid : 24

पराधीन सपनेउ सुख नाहीं

Najariya.......
Najariya.......
  • 14 Posts
  • 34 Comments

सरकार ने जैसे तय कर लिया है कि जो उनके और उनकी पार्टी के हित में होगा वही अंतिम निर्णय होगा | देश पार्टी के बाद आता है | पहले रोटी अपने भाइयों को दी जाएगी बाद में अगर कुछ बचेगी तो जनता को मिलेगी | अन्ना जी कह रहे है सी. बी. आई. को लोकपाल के दायरे में लाओ परन्तु ऐसा कैसे कर दे, वही तो एक फर्म है जिसके बल पर सरकार चल रही है अपने हाथ में है जिस पर चाहो इन्कुआरि बिठा दो | अब बाबा जी को ही ले लो लगा दी पीछे अब कहाँ आवाज निकल रही है और वो बेचारा बालकिशन पता नहीं कहा लापता हो गया है | अब जिस संस्था के दम पर राज काज चल रहा हो उसे कैसे किसी के हाथ में दे दें | एक समाज सेवी के चक्कर में अपने सरकार गिरवा दे, नेता कम पड़ जायेंगे, सभी पर तो केस चल रहे हैं और सारे जेल में होंगे तो सरकार कौन चलाएगा | और फिर अपने भाइयो से दगा भी कैसे कर दे | अन्ना जी को अब ये बात जान लेनी चाहिए की सरकार निशाचरों से भरी पड़ी है ऐसे में उनसे किसी हित की बात करना या उनसे किसी का हित चाहना बिलकुल बेकार है | हित करना है तो सामने आना पड़ेगा खुद सरकार बनना पड़ेगा तभी बात बनेगी | क्युकी जो दूसरा बिकल्प सामने है उसमे भी कौन से लोग दूध के धुले है |

अब जरूरत है खुद सामने आने की नहीं तो बस अनशन होता रहेगा जनता बन्दे मातरम कहती रहेगी, किसान आत्महत्या करते रहेंगे, जनता महगाई की मार झेलती रहेगी, यू ही घोटाले होते रहेंगे, कुछ नहीं बदलेगा |

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh