हम आजाद जनता है
भारत देश को आज़ाद हुए ६४ साल होने जा रहे है, परन्तु हम आज़ाद नहीं हुए क्योकि हम आम जनता है | आज़ादी मिली है तो बस उन् लोगो के लिए जो जनता से अलग है जो आम जनता है ही नहीं, आज़ादी मिली है है उन् गुंडों के लिए जो सरे आम किसी का खून कर सकते है, किसी लड़की को परेशान कर सकते है | आज़ादी मिली है उन सरकारी बाबुओं को जो खुले आम रिश्वत ले सकते है | आज़ादी मिली है शिक्षण संस्थानों को जिसके दरवाजे आज किसी गरीब विधार्थी के लिए बंद हो चुके है | आज़ादी मिली है आतंकवादियों के लिए जो सरे आम आतंक फैला सकते है और हमारे नेताओ को जो देश को खोखला करने का हक लेकर पैदा हुए है |
और आम जनता सिर्फ गुलाम है पहले अंग्रेजों की थी आज उन आजाद लोगो की है | पहले भी पिस रही थी आज भी पिस रही है | पहले कर देती थी आज टैक्स देती है पहले अंग्रेजो की नौकरी करती थी आज अमीरों की नौकरी करती है | पहले भी गरीब किसान के घर खाना नहीं पूरा पड़ता था आज भी नहीं पड़ता है | पहले भी जिन्दगी केवल रोटी कमाने में कट जाती थी आज भी उसी की तलाश में गुजर जाती है | पहले हमारे पैसे से अंग्रेज मजे करते थे आज नेता करते है | पहले भी हमारे लिए कानून था आज भी सिर्फ हमारे लिए ही कानून है |
आज हर आम आदमी की यही चिंता है कि जितनी जिन्दगी गुज़र गयी वो तो ठीक है आगे क्या होगा | किसी का बेटा बड़ा हो रहा है इंजीनियरिंग / मेडिकल में दाखिला कैसे दिला पाउँगा | वो उसे मिलगा भी नहीं क्युकी उसके पास डोनेशन नहीं है देने को और इसलिए उसे पढ़ने का हक भी नहीं है | किसी कि बेटी बड़ी हो रही है और माँ-बाप कि उम्र ये सोच के कम हो रही है कि उसकी शादी कैसे होगी | ऐसे ही न जाने कितने ही दर्द लेकर एक आम आदमी आज भी जी रहा है सिर्फ ये सोच कर कभी हम भी आज़ाद हो जायेंगे और हमें भी खुली हवा में साँस लेने का मौका मिलेगा |
पता नहीं वो दिन कब आएगा, मुझे भी उसी दिन का इंतज़ार है |
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